राजस्थान बोर्ड 10वी के परिणाम जारी ....

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जयपुर/अजमेर
राजस्थान बोर्ड (RBSE Board Ajmer) के कक्षा 10वीं के परिणाम जारी कर दिए गए हैं। इस बार 33 जिलों में 6000 से अधिक स्कूलों के लगभग 12 लाख विधार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।

कब से कब तक हुईं परीक्षाएं
10वीं बोर्ड की परीक्षाएं 15 मार्च से 26 मार्च तक आयोजित हुईं थीं। आंकडों के अनुसार हर साल छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है। शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी की अगुवाई में जारी रिजल्ट में इस बार भी मैरिट लिस्ट नहीं आई। इन परीक्षाओं में मंडरायल की स्नेहा मित्तल ने 98 प्रतिशत से भी ज्यादा अंक प्राप्त कर चौंका दिया।

स्नेहा 10वीं में 98.67% के साथ टॉप थ्री में रहीं। उन्होंने न सिर्फ मंडरायल कस्बे बलिक करौली जिले का मान भी बढ़ाया, क्योंकि उन्होंने कई बाधाएं पार कर इतनी ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं।

क्या रहा रिजल्ट का औसत
शुरूआती रिपोर्ट के अनुसार, इस साल लड़कियों की पासिंग परसेंटेज 79.95% और लड़को की पासिंग परसेंटेज 79.79% रही। वहीं, इस साल 10वीं कक्षा की ओवरआल पासिंग परसेंटेज 79.86% रही। सोमवार दोपहर 3:15 बजे रिजल्ट घोषित हुए।

राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (RBSE) की 10वीं की परीक्षा में शामिल सभी छात्र बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइटों — rajeduboard.rajasthan.gov.in और rajresults.nic.in के माध्यम से अपने परिणामों की जांच कर सकते हैं।

नहीं जारी हुई मेरिट
लिस्टबोर्ड ने साल 2017 की तरह आ्र्टस, साइंस और कॉमर्स की राज्य अथवा जिला स्तर की मेरिट लिस्ट जारी नहीं की। इसका फैसला पिछले साल ही प्रबंध बोर्ड की बैठक में हो गया था। इसके बजाय बोर्ड ने टॉप थ्री विद्यार्थियों के नाम घोषित करने का निर्णय लिया था। पिछले साल बारहवीं के कला, वाणिज्य और विज्ञान सहित दसवीं में टॉप रहे विद्यार्थियों को 24 मई को आयोजित दीक्षान्त समारोह में मेडल दिए गए थे।

पिछले साल यह था नतीजा
साल 2017 में बारहवीं विज्ञान वर्ग का परिणाम 90.36 और वाणिज्य वर्ग का 90.88 प्रतिशत रहा था। विज्ञान वर्ग में छात्राओं का परिणाम 93.30 और छात्रों का 89.21 प्रतिशत रहा था। इसी तरह वाणिज्य वर्ग में छात्राओं का परिणाम 95.27और छात्रों का 88.56 प्रतिशत रहा था।

पिछले साल विज्ञान और वाणिज्य वर्ग में कुल 19 हजार 274 विद्यार्थी फेल हुए थे। दोनों में कुल 7 हजार 434 विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री के योग्य घोषित किया गया था। विज्ञान में 17 हजार 012 विद्यार्थी फेल हुए थे। जबकि कॉमर्स में 2 हजार 262 विद्यार्थी फेल हुए थे।