घर से भाग रही है लड़कियाँ, माँ-बाप की इज्जत हो रही निलाम..!!

विष्णु समाज हो रहा है बदनाम..ना जाने क्या होगा इसका अंजाम ?

आज कल देखने में आया है की लडकिया प्यार की वजह से (शादी के लिए) घर से भाग जाती हैं । भागती भी है तो गैर समाज के लडके के साथ..ऐसे लडके के साथ की जिसके साथ ना उनका भविष्य सुरक्षित है, ना सामाजिक सुरक्षा मिल पायेगी और ना ही सम्मान । जाते जाते पैसे, गहने भी अपने साथ ले जाती है (ज्यादातर मामलो में पैसों के लिए ही सधन समाज की लड़कियों को प्यार के जाल में फसाया जाता है) माँ-बाप का प्यार भूल जाती हैं जिन्होंने पाल-पोस कर बड़ा किया और अपने परिवार की इज्जत सरेआम नीलाम कर जाती है। हर एक माँ-बाप को लगता है की भले ही अमके की लड़की भाग गई हो, तमके ही भी भाग गई हो लेकिन मेरी बेटी कभी ऐसा नहीं करेगी। मेरी बेटी नहीं भागेगी। लेकिन जिनकी बेटी भाग गई है वह भी ऐसा ही सोचते थे यह भी एक सच है।कुछ को समझा-बुझाकर या समझोता (?) करकर वापिस लाया जाता है तो कुछ नहीं मानती है और...।

कल ही किसीने जानकारी भेजी की XXXX शहर से और एक लड़की भाग गई l ऐसी जानकारीया लगातार मिल रही है। एक युवा ने तो कहा की - "बड़ा अजीब लगता है की किसी की लड़की भाग जाती है तो 2-4 दिनों में समाज में लगभग सभी को यह बात पता चल जाती है लेकिन सब ऐसा दिखाते है की जैसे कुछ हुवा ही नहीं है। यहाँ तक की जिसकी बेटी भाग जाती है वो भी ऐसा सहज बना रहता है की जैसे कुछ हुवा ही ना हो। गैरत, इज्जत नाम की चीज जैसे रही ही ना हो...कई लोग बोलते है की घर से भाग जाने वाली लड़की के मुँह पर तो एसिड फिकवा देना चाहिए, वैसे भी ना भागती तो उसके शादी के लिए पांच-दस लाख का खर्चा तो करना ही था" ...ऐसी बात केवल गुस्सा प्रकट करने के लिए कहने तक ही ठीक है। यह तो भला है की हमारा समाज सभ्यता के दायरे में रहना पसंद करता है। बाप-भाई-समाज के युवाओं ने संस्कार के चलते अपना संयम अभी भी बनाये रखा है लेकिन स्थिति कभी भी विस्फोटक रूप ले सकती है। हम सभी को इस बात के लिए सजग रहना होगा की परिस्थितियां ऐसा विस्फोटक मोड़ ना ले।

हमारा मानना है की किसी की बेटी भाग जाती है तो यह माँ-बाप के संस्कारों की कमी नहीं है बल्कि उनका दुर्भाग्य है। गलती है तो उस लड़की की है जिसने माँ-बाप-भाई के अटूट भरोसे को तोडा है। गलती तो बहुत छोटा शब्द है, ये तो पाप है। क्योकि... हर समाज में यह समस्या तो दिखाई दे ही रही है। और हर समाज को ही इसका समाधान,हल ढूंढना होगा।

वैसे तो इस विषयपर आगे बढ़कर बात करने का साहस ना कोई संगठन और ना कोई पदाधिकारी कर रहा है क्योंकि सभी को लगता यही है की ऐसा करना कीचड़ में उतरने जैसा होगा और उतरने वाले के ही कपडे मैले होने की संभावना है, लेकिन कीचड़ में उतरे बगैर गन्दगी भी साफ़ नहीं होगी। समाजहित के लिए, आप सभी के सहयोग के भरोसे पर हम इस चुनौती से मुकाबले का साहस कर रहे है....

आप सभी से बिनम्र बिनती है की इस मुद्देपर अपने बिचार, अपनी बात जरूर रखें। सभी की कोशिश यह हो की - घर से क्यों भाग रही है लडकिया ? इसके कारण क्या क्या है ? ऐसा ना हो इसलिए, ऐसा होने से रोकने के लिए जाना चाहिए? इसके समाधान के लिए क्या किया जाना चाहिए ? व्यक्तिगत स्तरपर, परिवार के स्तरपर, समाज के स्तरपर क्या कुछ किया जा सकता है?? इन बातों पर अपने बिचार रखें. आशा करते है की यहाँ पर वाद-विवाद के बजाय संवाद और विचार-मंथन कर के समस्या के समाधान के लिए कोशिशें होगी। यह जानकारी विष्णु समाज के हर भाई बन्धु तक पहुचाये ।

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