गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरूर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ।।

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरूर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ।।

मिडिया

आँजणा समाज वेबसाइट पोर्टल में आपका हार्दिक स्वागत है ,आँजणा समाज आपका अपना वेब पोर्टल है इस वेबसाइट में आप हमें समाज से जुडी न्यूज़, कृषि से जुडी न्यूज़ , शिक्षा,समाज न्यूज़ पेपर कटिंग ,आँजणा समाज न्यूज़ के विडियो क्लिप भेज सकते है समाज से जुडी सभी जानकारियो को एक ही जगह समाहित करने का प्रयास किया गया है।

Read more

हमारे संवाददाता

पत्रकारिता,लोकतंत्र का चौथा स्तंभ।आपको लगता है कि आपमें पत्रकारिता के गुण हैं और आप अपने क्षेत्र की न्यूज़ देने में सक्षम है एवम पत्रकार बनकर समाज सेवा करना चाहते है तो अभी अपना बायोडाटा रजिस्टर फार्म में भरे और सबमिट करे। हमारी टीम आपसे जल्द ही सम्पर्क करेगी ..

Read more

सम्पर्क सूत्र

हमारे पाठक हमारी आँख और कान हैं। आप जैसे सुधी पाठको के द्वारा हमे जो न्यूज मिलती है, हम उस पर काम करते है ,इस न्यूज पोर्टल पर आपको अपने आसपास, देश और समाज से जुडे सभी छोटे बड़े कई समाचार मिलेंगे। प्रकाशन हेतु आप लोग भी अपने विचार हमें भेज सकते है। न्यूज पोर्टल के जरिए किसी के मान-मर्दन की अनुमति कतई नहीं है।

Read more

विजयवाड़ा में श्री राजारामजी महाराज का जागरण सम्पन

स्थानीय वन टाउन स्थित माटपाटी क्लब में गत गुरुवार को चौधरी आँजणा समाज विजयवाड़ा द्वारा श्री राजारामजी महाराज का 134वॉ जन्मोत्सव मनाया गया तथा जागरण का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रमुख भजन गायक पूनमचन्द माली एण्ड पार्टी भीनमाल द्वारा भजन प्रस्तुत किये गए । जागरण का शुभारम्भ श्री राजाराम जी के चित्र पर माल्यापर्ण कर श्री गणेश वंदना के साथ किया गया । इसी के साथ पूनमचन्द माली ने पधारे सभी भक्तो का आभार प्रकट करते हुए श्री राजारामजी के जयकारे के साथ उनके भजन एवम ओम बना के भजन,भेरूजी के भजन ,श्री खेतेश्वर जी के भजन के साथ अन्य भजन प्रस्तुत किये । इस अवसर पर आँजणा समाज के सदस्य सुरेश कुमार चौधरी न

वो मंत्र जो आपकी जिंदगी बदल सकता है

ॐ भूर्भुवस्वः ।
तत सवितुर्वरेण्यं ।
भर्गो देवस्य धीमहि ।
धियो यो नः प्रचोदयात ॥
“Om, Almighty Supreme Sun (God)
Impel us with your divine brilliance
So that we may attain a noble understanding of Reality.

ख़रीफ़ की फ़सल - मक्का

मक्का की खेती खरीफ एवं जायद दोनों फसलो में की जा सकती है, मक्का की खेती चारा तथा दाना, दोनों के लिए की जाती है, साथ ही यह अल्प अवधि की फसल होने के कारण बहुफसली खेती के लिए इसका अत्यंत महत्व है

जलवायु और भूमि..

मक्का की खेती के लिए किस प्रकार की जलवायु और भूमि की आश्यकता होती है ?
मक्का की खेती के लिए समशीतोष्ण जलवायु के साथ-साथ बुवाई के समय 18 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान होना आवश्यक है, इसकी अच्छी उपज हेतु दोमट या बलुई दोमट भूमि उपयुक्त होती है

प्रजातियाँ..

Pages